इंटरनेट पर बिक रही है भारतीयों के आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट की स्कैन कॉपी....?



Cyble के मुताबिक केवाईसी और बैंकिंग धोखाधड़ी में बढ़ोत्तरी हुई है और फ्रॉड करने वाले इस तरह के लीक का इस्तेमाल लोगों और खासकर बुजुर्गों को निशाना बनाने के लिए करते हैं।



पीटीआइ। भारतीयों के एक लाख पहचान पत्रों की स्कैन कॉपी डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। इनमें आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट जैसे पहचान पत्र शामिल हैं। साइबर इंटेलीजेंस से जुड़ी कंपनी Cyble ने बुधवार को यह जानकारी दी। कंपनी का कहना है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि ये डेटा किसी तीसरे पक्ष से लीक हुए हैं, ना कि किसी सरकारी सिस्टम से। Cyble ने कहा है, ''हमें एक ऐसे अभिनेता से सम्पर्क हुआ है, जो बहुत नामचीन नहीं है। वह डार्क नेट पर एक लाख से भारतीय पहचान पत्रों की बिक्री कर रहा है। उस व्यक्ति का रेप्युटेशन इतना नहीं है कि हम उसकी बातों पर गौर करते लेकिन उसके द्वारा साझा किए गए सैंपल और उसका आकार की वजह से हमने इस मामले पर गौर किया। अभिनेता के पास भारत के विभिन्न हिस्सों में करीब एक लाख पहचान पत्रों का कथित तौर पर एक्सेस है।'' 


साइबर अपराधियों द्वारा लीक किए गए निजी डेटा का इस्तेमाल कई तरह की गतिविधियों के लिए देखने को मिलता है। इनका इस्तेमाल धोखाधड़ी के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है। Cyble के अनुसंधानकर्ताओं को विक्रेता से 1,000 पहचान पत्र हासिल हुए हैं और उसने पुष्टि की है कि स्कैन किए गए पहचान पत्र भारतीयों के ही हैं।  


Cyble ने कहा है, ''प्रारंभिक विश्लेषण कहते हैं कि ये डेटा किसी थर्ड पार्टी की ओर से लीक किए गए हैं, इनके किसी सरकारी सिस्टम से लीक होने का कोई संकेत या साक्ष्य नहीं मिला है। इस समय कंपनी के शोधकर्ता अब भी मामले की जांच कर रहे हैं और हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही इस बारे में अपडेट देंगे।'' 


स्कैन किए गए दस्तावेज इस बात की ओर इशारा करते हैं कि बहुत संभव है कि ये डेटा किसी ऐसी कंपनी के डेटाबेस से लीक हुए हों, जिन कंपनियों को 'Know Your Customer' (KYC) नियमों का पालन करना होता है।


Cyble के मुताबिक केवाईसी और बैंकिंग धोखाधड़ी में बढ़ोत्तरी हुई है और फ्रॉड करने वाले इस तरह के लीक का इस्तेमाल लोगों और खासकर बुजुर्गों को निशाना बनाने के लिए करते हैं।